Sunday 18 December 2011

संसद से 2 km की दुरी पर जमेगा माओवादियों का मंच,रोकेगी भगत सिंह क्रांति सेना



दिनांक 7 दिसम्बर को संसद में आये गृह राज्य मंत्री जीतेन्दर सिंह के ब्यान को  अभी 2 हफ्ते भी नही बीते जिसमे उन्होंने भरी संसद में Committee for Release of Political Prisoners (CRPP) संस्था जिसका अध्यक्ष संसद हमले में अभियुक्त रह चूका एस ऐ आर गिलानी है को नक्सलवादियो का संचालित सन्गठन बताया और उसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था की ये संस्था मात्र संसद से लगभग 2 कम की दूरी पर इंडियन इंटरनेशनल सेंटर  पर 20 दिसम्बर को अपना अगला कार्यक्रम करने जा रही है. इस से पता चलता है की सरकार देश की सुरक्षा के लिए कितनी गम्भीर है. कार्यक्रम के नाममात्र  "दास्ताने राजद्रोह" से ही पता चलता है की कार्यक्रम का स्वरूप क्या होने वाला है.और अभी दिल्ली पुलिस की ही रिपोर्ट को अगर देखा जाए जो १६ दिसम्बर की टाइम्स  ऑफ़ इंडिया की इ-पेपर में आई है उसमे साफ़-साफ़ दिल्ली पुलिस आरोप लगाती है की ये संस्था झारखंड और छत्तीसगढ़ से भागे हुए मायोवादियो को दिल्ली के शकरपुर और पंजाबी बाग में रुक्वाती है और पुलिस द्वारा घायल लोगो को वहां  चिकित्सा उपलब्ध कराती है.और अगर कार्यक्रम के विवरण में जाए तो पता चलेगा की ये कार्यक्रम संसद पर हमला करने वाले अफज़ल गुरु की फांसी को किस प्रकार गलत ठहराया जाए विशेष रूप से इसलिए डिजाईन किया गया है. हम सरकार से और प्रशाशन से तुरंत इस कार्यक्रम को रद्द करने की मांग करते है,अन्यथा भगत सिंह क्रांति सेना के कार्यकर्ता इस कार्यक्रम का विरोध करेंगे और इसे रोकने के लिए आगे आयेंगे.
तजिंदर पाल सिंह बग्गा
अध्यक्ष

Thursday 15 December 2011

प्रेस विज्ञप्ति  विषय- कपिल सिब्बल यां इन्टरनेट सेन्सरशिप के खिलाफ आवाज़ उठाने पर होगा क्रिमिनल केस दर्ज 

आज से ठीक 10 दिन पहले 6 दिसम्बर को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल जी ने इन्टरनेट और सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर सेंसर लगाने का एक तुगलकी फरमान जारी किया. जिसके बाद देश में,और खासकर युवाओ में भारी रोष दिखा,और जी उन्होंने फेसबुक,ट्विटर और विभिन्न इन्टरनेट के माध्यमो से प्रकट करने का प्रयास भी किया. लेकिन हमे लगा की हमे युवाओ के इस संदेश को कपिल सिब्बल जी तक पहुंचना चाहिए  ,जिसके लिए हम दिनांक 7 दिसम्बर को कुछ ग्रीटिंग्स जिन पर "गेट वेल सून" और "हमे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक़ नही है" और गुलाब के फूल के साथ पहुंचे. अभी हम घर के आगे खड़े ही हुए थे की हमे पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया और हमारे ऊपर केस दर्ज कर दिया गया.देश के किसी भी कानून में न ही फूल देना और न ही अपने सन्देश को  शांतिपूर्वक रखना कोई अपराध है. इसलिए हमने इन्टरनेट सेन्सरशिप और इस सरकार के इशारे पर दर्ज हुए केस के खिलाफ जंतर मंतर पर अनशन पर जाने का फैसला किया. जिसकी सुचना हमने 8 दिसम्बर को थाना संसद मार्ग में दी और उसके एवज में हमसे एक अंडरटेकिंग भरवाया गया. दिनांक 9 दिसम्बर को 11 बजे हमने अपना अनशन जंतर मंतर पर चालू करना था,लेकिन सुबह 9 बजे मेरे घर पुलिस वाले पहुँच गए और मेरी पूछताश करने लगे,उसके बाद मुझे उन पुलिस वालो का फ़ोन आया,और मुझसे मेरी लोकेशन और मेरे साथ कितने लोग है ये पूछा गया.अनशन से ठीक 2 घंटे पहले पुलिस पहुंचना कई शंकाए पैदा कर रहा था,इन्ही शंकाओ के बीच 11 बजे से हमने अपना अनशन चालू किया ही था की ठीक 12 बजते ही वह के ऐसीपी मेरे पास आये और कहा की आपकी परमिशन को रद्द कर दिया गया है. हमारे कारन पूछने पर हमे बिना कोई जवाब दिए गिरफ्तार कर लिया गया और रात को 8 बजे तक हिरासत में रखा गया. उसके बाद 11 दिसम्बर को श्री अन्ना हजारे जी जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे थे ,जिनके समर्थन में हम सुबह 10 बजे से वह थे,लेकिन लगभग 4 बजे अचानक ऐसीपी, तिलक मार्ग की नजर मुझ पर पड़ी और उन्होंने मुझे तुरंत वह से जाने को कहा . हमारे कारन पूछे जाने पर हमे बिना कुछ कहे गिरफ्तार कर के  संसद मार्ग थाने ले जाया गया,और रात तक हिरासत में रखा गया. ये 4 दिनों में हमारी तीसरी गिरफ़्तारी थी. लेकिन हमे रिहा करने से पहले कुछ उच्च अधिकारिओ ने जो कहा उसे सुनकर हमारे हमारे होश उड़ गये और मै अपने आप को बहुत आसुरक्षित महसूस कर रहा हूँ. उस उच्च पुलिस अधिकारी ने हमे कहाँ की जबसे आपने कपिल सिब्बल के खिलाफ  अभियान चालू किया है हमे गृह मंत्रालय से आदेश है की जिस भी सार्वजानिक स्थान,मीटिंग,रैली,सभा यां कार्यक्रम में आपको देखा जाये तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाए. और अगर आप कपिल सिब्बल के खिलाफ अपना अभियान जारी रखते है तो हमे सरकार के आदेशानुसार आपको  क्र्मिनल  केस दर्ज करके लम्बे समय के लिए जेल में डाल दिया जाएगा और आपके परिवार वालो का भी परेशान किया जायेगा, इसलिए आप कपिल सिब्बल के खिलाफ अगला कोई भी कार्यक्रम करने से पहले इस बात का ध्यान रख लेना.

             
हम ये पूछना चाहते है की पहले सरकार द्वारा निजी मोबाईल से 200 SMS से ज्यादा पर प्रतिबन्ध,फिर इन्टरनेट पर सेन्सरशिप और फिर स्वेंधानिक रूप से विरोध करने वालो सत्ता के बल पर दबाने का प्रयास क्या भारत को आघोषित आपातकाल की तरफ ले जाने का प्रयास तो नही है.क्या सरकार द्वारा इन कुटिल प्रयासों से युवाओ की आवाज को कुचला जायेगा. अगर ऐसा है तो हम इस चुनोती को स्वीकार करते है और इस विज्ञप्ति के माध्यम से घोषणा करते है की अब इन कार्यक्रमों को और गति और जोर-शोर से उठाया जायेगा. इस मामले में जिस भी तरीके से हमारे साथ बर्ताव किया गया,इसकी सूचना हमने पूरे विस्तार के साथ इसे माननीय राष्ट्रपति जी को दी है. साथ ही साथ आगामी दिनों में इन्टरनेट सेन्सरशिप के खिलाफ हम प्रदर्शन, पोस्टर अभियान, कॉलेजेस में सेमिनार्स और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाएंगे आगामी दिनों में हम अपने इस कार्यक्रम को जारी रखेंगे और तब तक करेंगे, जब तक सरकार कपिल सिब्बल के इस फैसले को खंडन कर के वापिस लेने का ऐलान नही करती.
Tajinder Pal Singh Bagga
President
9212640865









Thursday 8 December 2011

Press Rease-9 December-अभियक्ति की स्वत्रन्त्रता पर सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ अनिशचितकालिन अनशन



प्रेस विज्ञप्ति
अभियक्ति की स्वत्रन्त्रता पर सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ अनिशचितकालिन अनशन

पिछले कुछ दिनों से सरकार द्वारा जनता की आवाज को दबाने के लिए तुगलकी और तानाशाही फैसले किये जा रहे है. पहले से ही भ्रस्टाचार और  महंगाई से परेशान जनता पर इस तरह के नये नये फरमान सुनाना लगता है सरकार के लिए एक रोजाना कार्य बन गया है.लोगो के आवाज़ उठाने के तरीको और स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति पर लगाम लगाने की सरकार द्वारा कोशिशे लगातार चल रही है. और लोग अगर उसका संवेधानिक तरीको से विरोध करते है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है और उन पर मुकदमे दर्ज किये जाते है जो की भारतीय सविधान की मर्यादा को तार तार करने का प्रयास  है. और हम इसका खंडन,निंदा और कड़ी भर्त्सना करते है.
             लगभग 3-4 दिन पहले मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल जी द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर अंकुश लगाने का प्रयास करना इस तानाशाही रविये का एक नमूना है. और जनता में इस चीज का भारी रोष,आक्रोश और गुस्सा है.और इस आक्रोश को शातिपूर्वक प्रगट करने जब हम कपिल सिब्बल जी के घर गुलाब और गेट वेल सून के कार्ड लेकर गये तो हमे बलपूर्वक गिरफ्तार किया गया और हमारे ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया. शांतिपूर्वक विरोध करने के प्रयास को सरकार द्वारा इस प्रकार कुचलना लोकतंत्र की हत्या करने के सामान है और देश को आघोषित आपातकाल की याद दिला रहा है. ना बल्कि हम पर उसके अलावा श्री अन्ना हजारे जी और इंडिया अगेंस्ट करप्शन  के 100 से ज्यादा लोगो पर भी इसी प्रकार से तानाशाही तरीके से केस दर्ज किये गये है.अभ्व्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने की सरकार के इस प्रयास का हम विरोध करने के लिए 9 दिसम्बर प्रात: 11 बजे से अनिशित्कालिन अनशन पर बैठ रहे है.हमारी सरकार से मांगे है.

1- सरकार द्वारा लोगो के मोबाईल पर लगाये गये एसएमएस सीमा के प्रतिबन्ध को वापस लिया जाये.कोई आपने निजी मोबाईल से अपने किसी परिचित को एक संदेश भेजे यां एक हजार इसकी सीमा सरकार नही तय कर सकती.इस प्रकार का फैसला लोगो की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना है.

2-सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक और ट्विटर उपभोग्तायो पर कपिल सिब्बल द्वारा अंकुश लगाने की मांग करना भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना है.हम मांग करते है कि सरकार कपिल सिब्बल के इस ब्यान को ख़ारिज करे और इस प्रकार के किसी भी फैसले को तुरंत वापिस ले

3- शांतिपूर्वक विरोध करने के प्रयास में इंडिया अगेंस्ट करप्शन  के 100 से ज्यादा लोगो पर जो मुकदमे दर्ज हुए है उन्हें वापिस लिया जाये.

4-कपिल सिब्बल के घर गुलाब का फूल और गेट वेल सून के कार्ड देने के आरोप में मेरे और जो भगत सिंह क्रांति सेना के बाकी लोगो पर मुकदमा दर्ज किया गया उन्हें वापिस लिया जाए.क्योंकि हमारा मानना है की हमने फूल देकर कोई कानून का उल्लंघन नही किया है और हमारे पर दर्ज किया गया मुकदमा केवल सरकार द्वारा जनता की आवाज़ को कुचलने का एक प्रयास है.

तजिंदर पाल सिंह बग्गा
अध्यक्ष
92126408654

Wednesday 7 December 2011

indefinite hunger strike against govt dictatorship on social networking sites issue

प्रेस विज्ञप्ति

विषय-9 दिसम्बर से अनशन की जानकारी देने हेतु

      2 -3 दिन पहले कपिल सिब्बल ने सोशल नेटवर्किंग साईट पर स्केनिंग और उस पर नकेल कसने का एक बयान दिया था. जिसका देश के युवाओ में भारी रोष है. उस रोष को प्रगट करने के लिए दिनांक 7 दिसम्बर को कपिल सिब्बल के घर हम कुछ लोग फूल देकर अपना रोष प्रगट करना चाहते थे. लेकिन हमारा कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही कपिल सिब्बल के आदेश से हमे गिरफ्तार कर लिया गया और हम पर केस दर्ज किया गया.देश के किसी भी सविधान में फूल देना किसी भी कानून का उल्लंघन नही है और ये सरकार द्वारा की गई एक और तानाशाही और आघोषित आपातकाल का परिचय है.
         इसलिए फेसबुक और ट्विटर के युवाओ पर पहले अंकुश और उसके बाद विरोध करने पर जो केस दर्ज किया गया उसके खिलाफ हम कल 9 दिसम्बर जंतर मंतर पर 11 बजे से अनिशित्कालिन अनशन पर बैठ रहे है.हमारी मांग है की सरकार कपिल सिब्बल के इस बयान का खंडन करे और हमारे पर दर्ज किया गया गलत केस वापस ले
तजिंदर पाल सिंह बग्गा
अध्यक्ष

Tuesday 29 November 2011

Press Release-वालमार्ट के शोरूमो का दिल्ली में अपने अंदाज में स्वागत करेगी भगत सिंह क्रांति सेना

प्रेस विज्ञप्ति
वालमार्ट के शोरूमो का दिल्ली में अपने अंदाज  में
स्वागत करेगी भगत सिंह क्रांति सेना
भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने सरकार की एफडीआई पालिसी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे तुरंत वापिस लेने की मांग की है.बग्गा ने अपने बयान में आगे जोड़ते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से भारत के २० करोड़ लोग प्रभावित होंगे. देश में करोड़ लोग इस व्यपार से सीधे-सीधे जुड़े  है. और १६ करोड़ वह वस्तु निर्माता,सप्लायर और अन्य ऐसे लोग जो प्रत्यक्ष यां आप्र्त्यक्ष रूप से इस रोजगार से जुड़े है प्रभावित होंगे. इसलिए सरकार द्वारा २१ लाख नोकरियो का सपना दिखाया जाना भारतीय जनता की आँखों में धुल झोकना है.वालमार्ट जैसे विदेशी कम्पनिया ४०० अरब डालर के खुदरा बाजार को खत्म कर देंगी,जिस से भारत में भुखमरी और बेरोजगारी बड़ेगी. और भगत सिंह क्रांति सेना ये किसी हाल में होने नही देगी.
                    बग्गा ने कहा कि भगत सिंह क्रांति सेना ऐलान करती है की अगर सरकार अपनी एफडीआई पालिसी को अगर वापिस नही लेती और वालमार्ट के  शोरूम्स को अगर खोलती है तो दिल्ली में खुलने वाले उनके सारे शोरूम्स का स्वागत भगत सिंह क्रांति सेना अपने चिरपरिचित अंदाज में देगी और भारतीय व्यपारियों कि इस संगर्ष में में अपना पूरा साथ देगी.
कार्तिक धर 
मिडिया प्रभारी 
9654037968



Thursday 24 November 2011

Letter to Home Minister to stop PFI Rally



सेवा में,
           गृह मंत्री
      भारत सरकार
              विषय-26-27 को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाले   
             आतंकवादी सन्गठन पीएफआई के कार्यक्रम को रोका जाए 
 महोदय,                              
              अखबारों और कुछ अन्य सूत्रों से जानकारी मिली की केरल का सन्गठन पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया 26 और 27 नवम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में दिविसीय कार्यक्रम करने जा रहा है. आपकी जानकारी में देना चाहते है की  पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया शुरू से ही आंतकवादी,कट्टरवादी और संदिग्ध घटनाओ में लिप्त रहा है. केरल में इनके ऊपर लोगो के हाथ काटने और दंगे करने के आरोप  भी समय-समय पर लगते रहे है.केरल में पुलिस छापे में इनके कार्यालय से कई देसी बम भी मिल चुके है. उसके अलावा इनके सम्बन्ध हिजबुल मुजाहिदीन,लश्करे तोएबा,अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनो से जुड़े है ये बात भी बार बार सुर्खियों में आती रही है.इनके संदिग्ध घटनाओ के कारण 15 अगस्त को कर्नाटक में होने वाली इनकी फ्रीडम परेड को सरकार द्वारा रद्द किया गया था.उसके अलावा केरल में भी इस सन्गठन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग सरकार और अन्य पार्टियों द्वारा बार बार होती रही है

                      अब इस कार्यक्रम के द्वारा यह सन्गठन देश की राजधानी दिल्ली में अपने पाँव पसारने की कोशिश कर रहा है.देश की राजधानी दिल्ली में ऐसे कार्यक्रम को इजाजत देना देश की सुरक्षा के साथ सीधा सीधा खिलवाड़ है और भविष्य में अलगाववादी,कट्टरवादी और आतंकवादी घटनायो को न्योता देना है.इसलिए हम आपसे निवेदन करते है इस कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से तुरंत रद्द किया जाए अन्यथा राष्ट्रवादी युवा इसे रोकने को आगे आयेंगे और उस से कोई हालत बिगड़ते है तो उसके लिए सीधा-सीधा जिम्मेदार आप होंगे,
धन्यवाद,
तजिंदर पाल सिंह बग्गा 
अध्यक्ष 
9212640865