Tuesday, 29 November 2011

Press Release-वालमार्ट के शोरूमो का दिल्ली में अपने अंदाज में स्वागत करेगी भगत सिंह क्रांति सेना

प्रेस विज्ञप्ति
वालमार्ट के शोरूमो का दिल्ली में अपने अंदाज  में
स्वागत करेगी भगत सिंह क्रांति सेना
भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने सरकार की एफडीआई पालिसी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे तुरंत वापिस लेने की मांग की है.बग्गा ने अपने बयान में आगे जोड़ते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से भारत के २० करोड़ लोग प्रभावित होंगे. देश में करोड़ लोग इस व्यपार से सीधे-सीधे जुड़े  है. और १६ करोड़ वह वस्तु निर्माता,सप्लायर और अन्य ऐसे लोग जो प्रत्यक्ष यां आप्र्त्यक्ष रूप से इस रोजगार से जुड़े है प्रभावित होंगे. इसलिए सरकार द्वारा २१ लाख नोकरियो का सपना दिखाया जाना भारतीय जनता की आँखों में धुल झोकना है.वालमार्ट जैसे विदेशी कम्पनिया ४०० अरब डालर के खुदरा बाजार को खत्म कर देंगी,जिस से भारत में भुखमरी और बेरोजगारी बड़ेगी. और भगत सिंह क्रांति सेना ये किसी हाल में होने नही देगी.
                    बग्गा ने कहा कि भगत सिंह क्रांति सेना ऐलान करती है की अगर सरकार अपनी एफडीआई पालिसी को अगर वापिस नही लेती और वालमार्ट के  शोरूम्स को अगर खोलती है तो दिल्ली में खुलने वाले उनके सारे शोरूम्स का स्वागत भगत सिंह क्रांति सेना अपने चिरपरिचित अंदाज में देगी और भारतीय व्यपारियों कि इस संगर्ष में में अपना पूरा साथ देगी.
कार्तिक धर 
मिडिया प्रभारी 
9654037968



Thursday, 24 November 2011

Letter to Home Minister to stop PFI Rally



सेवा में,
           गृह मंत्री
      भारत सरकार
              विषय-26-27 को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाले   
             आतंकवादी सन्गठन पीएफआई के कार्यक्रम को रोका जाए 
 महोदय,                              
              अखबारों और कुछ अन्य सूत्रों से जानकारी मिली की केरल का सन्गठन पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया 26 और 27 नवम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में दिविसीय कार्यक्रम करने जा रहा है. आपकी जानकारी में देना चाहते है की  पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया शुरू से ही आंतकवादी,कट्टरवादी और संदिग्ध घटनाओ में लिप्त रहा है. केरल में इनके ऊपर लोगो के हाथ काटने और दंगे करने के आरोप  भी समय-समय पर लगते रहे है.केरल में पुलिस छापे में इनके कार्यालय से कई देसी बम भी मिल चुके है. उसके अलावा इनके सम्बन्ध हिजबुल मुजाहिदीन,लश्करे तोएबा,अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनो से जुड़े है ये बात भी बार बार सुर्खियों में आती रही है.इनके संदिग्ध घटनाओ के कारण 15 अगस्त को कर्नाटक में होने वाली इनकी फ्रीडम परेड को सरकार द्वारा रद्द किया गया था.उसके अलावा केरल में भी इस सन्गठन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग सरकार और अन्य पार्टियों द्वारा बार बार होती रही है

                      अब इस कार्यक्रम के द्वारा यह सन्गठन देश की राजधानी दिल्ली में अपने पाँव पसारने की कोशिश कर रहा है.देश की राजधानी दिल्ली में ऐसे कार्यक्रम को इजाजत देना देश की सुरक्षा के साथ सीधा सीधा खिलवाड़ है और भविष्य में अलगाववादी,कट्टरवादी और आतंकवादी घटनायो को न्योता देना है.इसलिए हम आपसे निवेदन करते है इस कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से तुरंत रद्द किया जाए अन्यथा राष्ट्रवादी युवा इसे रोकने को आगे आयेंगे और उस से कोई हालत बिगड़ते है तो उसके लिए सीधा-सीधा जिम्मेदार आप होंगे,
धन्यवाद,
तजिंदर पाल सिंह बग्गा 
अध्यक्ष 
9212640865

Saturday, 19 November 2011

INTERVIEW IN TEHELKA

‘जो भी देश तोड़ने की बात करेगा हम उस पर हमले करेंगे’

उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर हमला करने वाले भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तेजिंदर पाल सिंह बग्गा हिमांशु शेखर को बता रहे हैं कि हमें भारतीय जनता युवा मोर्चा में वह नहीं करने दिया जा रहा था जो हम करना चाहते थे

कश्मीर पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के एक बयान से नाराज होकर आप लोगों ने उन पर हमला कर दिया. क्या एक लोकतांत्रिक व्यवस्‍था में असहमत होने पर हिंसा का सहारा लेना जायज है?
जो लोग देश तोड़ने की बात करते हैं उनके खिलाफ ऐसा करने के लिए हमें मजबूर होना पड़ा है. ये ऐसे लोग हैं जो कश्मीर को भारत से अलग करने की बात तो करते ही हैं साथ ही आतंकवादी कसाब की फांसी का विरोध भी करते हैं. ये माओवादियों का पक्ष लेते हैं. प्रशांत भूषण बार-बार भारत विरोधी बयान दे रहे थे. इन्होंने न सिर्फ वाराणसी में ऐसा बयान दिया बल्‍कि 2 अप्रैल 2011 को कश्मीर में स्वामी अग्‍निवेश के साथ प्रेस वार्ता आयोजित कर यह कहा कि वहां जो हो रहा है उसके लिए पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है.

आपको अगर लगता है कि उनके बयान देशतोड़क हैं तो आप उनके खिलाफ अदालत जा सकते थे लेकिन आपने हमला का रास्ता चुना. ऐसा क्यों?
तकरीबन तीन साल पहले खलिस्तान समर्थकों ने दिल्ली में जगह-जगह पोस्टर लगा दिए थे. उसी समय उन लोगों ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में रैली करने की बाकायदा घोषणा की थी. उस समय मैंने खुद गृह मंत्री पी. चिदंबरम और पुलिस के आला अधिकारियों को पत्र लिखा लेकिन इन लोगों ने कुछ नहीं किया. सैयद अली शाह गिलानी और अरुंधती रॉय के गैरजिम्मेदाराना बयानों के खिलाफ हम संबंधित अधिकारियों से लगातार शिकायत करते रहे लेकिन अब तक किसी मामले में इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब सरकार कुछ कर नहीं रही तो हम हिंसा का राह चुनने को मजबूर हैं.

आतंकवादी, माओवादी और अन्य विद्रोही भी हिंसा कर रहे हैं और आप भी. फिर आपमें और उनमें फर्क क्या रहा?
उनकी हिंसा देश को तोड़ने के लिए है और हमारी हिंसा देश को जोड़ने के लिए.

आपने अपने संगठन का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा है लेकिन आपको नहीं लगता कि आपके इन कदमों से उनका नाम बदनाम हो रहा है?
नहीं, हम ऐसा नहीं मानते. हमने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए उनके रास्तों को चुना है. हमारा मकसद उन्हें बदनाम करना नहीं है.

तो फिर क्या निहत्‍थे लोगों पर हमला करके आप सस्ती लोकप्रियता पाना चाहते हैं?
देखिए, कोई भी यह नहीं चाहता उसके खिलाफ नए-नए एफआईआर दर्ज हों. हम भी ऐसा नहीं चाहते. पहले भी हमने अरुंधती रॉय, सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक को इसी अंदाज में चेतावनी दी. उनके मुकदमें अब भी हमारे ऊपर चल रहे हैं. हालांकि, हमें इस बात की संतुष्‍टि है कि हमारी गतिविधियों का असर इन पर पड़ा है और इनके गैरजिम्मेदाराना बयान कम हुए हैं. आगे भी जो देश तोड़ने वाला बयान देगा हम उस पर हमला करेंगे. गिलानी और मलिक ऐसे लोग हैं जो अपने बच्चों को तो अच्छी शिक्षा के लिए विदेश भेजते हैं लेकिन कश्मीर के नौजवानों के हाथों में पत्‍थर पकड़ाकर उन्हें विद्रोही बनाते हैं. इनके समझ में हिंसा की भाषा ही आती है.

टीवी फुटेज से तो ऐसा लग रहा है कि लोग प्रशांत भूषण को बचाने नहीं आते तो आपके सहयोगी उन्हें मार ही डालते.
नहीं, नहीं, हमारा मकसद उन्हें सबक देना था. यही वजह है कि हमने उन पर हमला करने के बाद वहां अपने संगठन के पर्चे छोड़े.

आपके संगठन ने अन्ना हजारे के समर्थन में तिहाड़ जेल के बाहर प्रदर्शन किया था. अब आपने उनकी ही टीम के सदस्य पर हमला कर दिया. यह विरोधाभास क्यों?
अन्ना हजारे का समर्थन मुद्दे पर है. भ्रष्टाचार के मसले पर हम अब भी उनके साथ हैं. लेकिन अगर वे कश्मीर को भारत से अलग करने की बात करेंगे तो हम उनका साथ नहीं देंगे.

क्या आपके संगठन को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थन हासिल है?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. हमें किसी राजनीतिक दल से कोई सहयोग नहीं मिल रहा.

लेकिन आप तो भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकारिणी में रहे हैं.
हां, यह पुरानी बात है. तकरीबन तीन साल पहले ही मैंने युवा मोर्चा छोड़ दिया था. मैं जिस तरह का काम अभी कर रहा हूं इस तरह का काम करने की अनुमति मुझे वहां नहीं मिली इसलिए मुझे अलग राह पकड़नी पड़ी और मैंने कुछ साथियों के साथ मिलकर भगत सिंह क्रांति सेना की शुरुआत की.


Monday, 14 November 2011

Press Release on India TV sting opearation


PRESS RELEASE
14th  Nov. 2011

इंडिया टीवी को चुनोती,कराए नार्को टेस्ट यां मांगे माफ़ी-तजिंदर पाल सिंह बग्गा

दिनांक 10 नवम्बर को इंडिया टीवी पर 1 तथाकथित स्ट्रिंग ओपरेशन दिखाया गया. सबसे पहले तो इस स्ट्रिंग ओपरेशन में मेरे को जीतेन्दर पाठक जैसे व्यक्ति के साथ जोड़ा जाना अति निंदनीय है जिसका  मकसद अन्ना जी पर जानलेवा हमला करना है. हमारे प्रशांत भूषण के प्रकरण को श्री अरविन्द केजरीवाल पर हुए हमले के साथ जोड़ना किसी  भी हालत में स्वीकार नही किया जा सकता क्योंकि प्रशांत भूषण प्रकरण का कारण राष्ट्रप्रेम था तो श्री अरविन्द केजरीवाल पर हुए हमले का कारण कांग्रेस और राहुल गाँधी प्रेम था,इसलिए दोनों घटनाओ को जोड़ा जाना किसी भी हाल में स्वीकार नही किया जा सकता.

दूसरी घटना में चैनल ने हम पर व्यक्तिगत आरोप लगाये की हम पैसे के लिए किसी पर भी हमला करवा सकते है,और प्रशांत भूषण प्रकरण भी खाली कुछ पैसे के लिए किया गया. चैनल ने ये भी दिखाया की हमारा देशभक्ति यां किसी विचारधारा से कोई लेना देना नही है.चैनल द्वारा लगाये गये ये आरोप निराधार है और और हम इन्हें सिरे से खारिज करते है.

साथ ही साथ हम चैनल को चुनोती देते है अगर उन्हें अपनी खबर  और तथाकथित स्ट्रिंग पर इतना भरोसा है तो अपने चैनल पर मेरा और उस स्ट्रिंग करने वाली महिला का अपने चैनल पर लाइव  नार्को टेस्ट कराए और अगर वो साबित करने में कामयाब रहते है की वो सत्य बोल रहे थे तो मै उनके मनमुताबिक सजा भुगने को तेयार रहूँगा और अगर वे गलत साबित होते है तो टीवी पर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगेगे 

तजिंदर पाल सिंह बग्गा 
अध्यक्ष