Wednesday 27 July 2011

7 August-Hunger Strike against Insult of Bhagat Singh

भगत सिंह, वह नाम, जिससे सुनते ही हर भारतीय का सर श्रदा से झुक जाता है.कितना अहसान है उनका हम पर उन क्रान्तिकारियो का जिनके कारन हमे ये आज़ादी मिली. क्या हम उनके अपमान के बारे में सपने में भी सोच सकते है . नही ना, लेकिन इस सरकार ने तो जैसे कसम खायी हुई है क्रान्तिकारियो को अपमानित करने की.

पिछले २८ जून को इस देश के तथाकथित इमानदार प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को एक पत्र लिखा और उनसे अनुरोध किया की दिल्ली के बीचोबीच कनाट पेलेस के एक मशहूर चोराहे विंडसर पेलेस(जहा पर ली मेराडियन और शंगरीला जैसे मशहूर पंचसितारा होटल मोजूद है) उसका नाम बदलकर सर शोभा सिंह के नाम से कर दिया जाए. अब सब से पहले सवाल ये उठता है की ये जनाब सर शोभा सिंह है कोन, तो उसका जवाब है सर शोभा सिंह वह व्यक्ति है जिससे आज़ादी के बाद फांसी के फंदे पर चड़ा देना चाहिए था लेकिन हमारी गुलामी की मानसिकता और काले अंग्रेजो ने तो उसके नाम को महिमामण्डन का फैसला कर लिया है. हम आपको बताना चाहते है शोभा सिंह उस गद्दार का नाम है जिसने भारत की आज़ादी के साथ छल किया था,शोभा सिंह उस व्यक्ति का नाम है जिसने लाहौर संसद बम केस में शहीद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के खिलाफ दिल्ली अस्सेम्ब्ली बम कांड में गवाही दी थी.

जिसके कारण शहीद भगत सिंह को फांसी के फंदे पर झुलना पड़ा. क्या अब हमारे देश में क्या इससे गद्दारों के नाम पर सडको का नाम रखा जाएगा. क्या अब हमारे देश में इस प्रकार से आज़ादी के लिए लड़ने वालो का अपमान किया जाएगा. क्या अब हमारे देश में शहीदों को इस प्रकार से जलील किया जाएगा.

नही बहुत हुआ,now enough is enough, हमने १८ जुलाई को सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक पत्र लिखकर उनका फैसला तुरंत वापिस लेने की अपील की थी,लेकिन अभी तक हमे उनका कोई जवाब नही मिल्ला है,लगता है सरकार सीधे रास्ते से मानने वाली नही है. इसलिए अब हम अनशन के उस रास्ते को अपना रहे है जिससे कभी जेल में सरदार भगत सिंह ने ब्रिटिश हकुमत को झुकाने के लिए इस्तमाल किया था. आगामी 1
अगस्त सोमवार से हम दिल्ली के सभी कॉलेजेस में हस्ताक्षर अभियान चालू करेंगे,उसका बाद 7 अगस्त रविवार को जंतर मंतर पर 11 से 5 हम सांकेतिक अनशन पर बैठेंगे और सरकार को 1 हफ्ते के अंदर फैसला वापस लेने का अल्टिमेटम देंगे और अगर सरकार हमारी मांग १ हफ्ते में नही मानती तो 14 अगस्त रविवार से इस फैसले के खिलाफ आमरण अनशन पर जाएँगे और तब तक बैठे रहेंगे जब तक इस सरकार को उसका फैसला वापस लेने को मजबूर न करदे

Wednesday 20 July 2011

भगत सिंह के अपमान के खिलाफ पूरे देश में छेड़ी जाएंगी जंग-भगत सिंह क्रांति सेना

भगत सिंह, वह नाम, जिससे सुनते ही हर भारतीय का सर श्रदा से झुक जाता है.कितना अहसान है उनका हम पर उन क्रान्तिकारियो का जिनके कारन हमे ये आज़ादी मिली. क्या हम उनके अपमान के बारे में सपने में भी सोच सकते है . नही ना, लेकिन इस सरकार ने तो जैसे कसम खायी हुई है क्रान्तिकारियो को अपमानित करने की.

पिछले २८ जून को इस देश के तथाकथित इमानदार प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को एक पत्र लिखा और उनसे अनुरोध किया की दिल्ली के बीचोबीच कनाट पेलेस के एक मशहूर चोराहे विंडसर पेलेस(जहा पर ली मेराडियन और शंगरीला जैसे मशहूर पंचसितारा होटल मोजूद है) उसका नाम  बदलकर सर शोभा सिंह के नाम से कर दिया जाए. अब सब से पहले सवाल ये उठता है की ये जनाब सर शोभा सिंह है कोन, तो उसका जवाब है सर शोभा सिंह वह व्यक्ति है जिससे आज़ादी के बाद फांसी के फंदे पर चड़ा देना चाहिए था लेकिन हमारी गुलामी की मानसिकता और काले अंग्रेजो ने तो उसके नाम को महिमामण्डन का फैसला कर लिया है. अब आप सोच रहे होंगे आखिर शोभा सिंह है कोन जिसका नाम लेते ही हमने इतनी बड़ी-बड़ी बाते लिख दी. तो हम आपको बताना चाहते है शोभा सिंह उस गद्दार का नाम है जिसने भारत की आज़ादी के साथ छल किया था,शोभा सिंह उस व्यक्ति का नाम है जिसने लाहोरे संसद बम केस में शहीद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के खिलाफ लाहौर बम कांड में गवाही दी थी.
जिसके कारण शहीद भगत सिंह को फांसी के फंदे पर झुलना पड़ा. क्या अब हमारे देश में क्या इससे गद्दारों के नाम पर सडको का नाम रखा जाएगा. क्या अब हमारे देश में इस प्रकार से आज़ादी के लिए लड़ने वालो का अपमान किया जाएगा. क्या अब हमारे देश में शहीदों को इस प्रकार से जलील किया जाएगा.
नही बहुत हुआ,now enough is enough, हमने सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक पत्र लिखकर उनका फैसला वापिस लेने की अपील की है,लेकिन अगर सरकार फिर भी सरकार अगर अपने अड़ियल रुख पर कायम रहती है तो आगामी दिनों में हम इस फैसले के विरोध में पूरे देश में मुहीम चलने का निर्णय किया है. पूरे देश में सरकार के इस फैसले के खिलाफ स्टीकर  पोस्टर कैम्पेन,हस्ताक्षर अभियान और अंत में अनशन और जेल भरो अभियान चलने का निर्णय किया है.हम ने देश के प्रधानमंत्री से पत्र के माध्यम से अपील की है इसका मतलब ये नही समझा जाना चाहिए की हमारे अंदर भगत सिंह का खून ख़तम हो गया है. इस पत्र को चाहे निवेदन समझा जाए या चेतावनी लेकिन एक बात तो पक्की है की इस सड़क का नाम शोभा सिंह के नाम पर नही करने दिया जाएगा.और अगर सोचती है की वह ४ जून जैसे घटना की तरह अपनी लाठी-गोली-जेल से हमे डरा लेगी तो हमे सरकार की यह चुनोती भी स्वीकार है. यही तो समय है जांचने का कि जनरल डायर की औलादों में ज्यादा दम है यां भगत सिंह की सच्ची संतानों में. भगत सिंह आज हम आपके बलिदान कि शपथ खाकर ये फैसला लेते है कि आपके बालिदान को अपमानित नही होने दिया जाएगा,आपके कातिलो का महिमामण्डन नही होने दिया जाएगा और उसके लिए हम सरकार के खिलाफ हर संघर्ष के लिए तेयार है. आखिर में सिर्फ एक पंक्ति के साथ अपनी बात ख़तम करना चाहूँगा
                  "खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है,सरफरोशी कि तमन्ना अब हमारे दिल में है"
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Sunday 10 July 2011

मित्रो नमस्कार/वन्दे मातरम,
                                              भगत सिंह क्रांति सेना द्वारा जो एन्तेनिया माइनो उर्फ़ सोनिया गाँधी और राउल विन्ची उर्फ़ राहुल गाँधी के सत्य को जनता तक पहुँचाने के लिए पोस्टर/स्टीकर अभियान चलाने का निर्णय किया है,आगामी रविवार 17 तारीख से ये चालू हो जाएगा. इस के अंतर्गत आगामी 16 तारीख शनिवार को मीटिंग रख रहे है. इस मीटिंग का उर्देश्य सभी दिल्ली/ncr के मित्रो के साथ आगे के कार्यक्रमों के बारे में विचार विमर्श करना है ताकि सबकी सलाह और सुझाव के साथ हम मुहीम को और तेजी से ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचा पाए. हमारे सभी आगामी कार्यक्रमों को हम हमारे Facebook Group https://www.facebook.com/groups/188936081159104?ap=1 पर भी अपडेट करते रहेंगे. कोई भी अन्य जानकारी के लिए आप मुझे मेरे न. 9212640865 पर भी सम्पर्क कर सकते है.
 मीटिंग स्थान-काफी होम,2 फ्लोर,कनाट पैलस (राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से २ मिनट पैदल दुरी) दिनांक-16 -07 -2011 समय-दोपहर 1 बजे 

Monday 4 July 2011


आगामी दिनों में भगत सिंह क्रांति सेना ने पोस्टर केम्पेन के जरिये जनता को नेहरु-गाँधी परिवार का सच बताने के लिए एक अभियान चलाने का निर्णय किया है, वह सत्य बाते जिनकी प्रमाणिकता है,लेकिन किसी कारण जनता तक नही पहुँच पता ,वह चीजे हम स्टीकर-पोस्टर के जरिये जनता तक लेकर जायेंगे. इन पोस्टर्स-स्टिकर्स को शुरवात में दिल्ली के VVIP areas,बस स्टाप और मेट्रो स्टेशनों,university areas में लगाया जायेगा,जिसका डिजाईन सभी सोशल नेटवर्किंग साटिस पर भी दिया जाएगा, ताकि अगर और लोग भी अगर अपने प्रदेश में उसका उपयोग करना चाहे तो कर पाए.उदहारण के तोर पर हम कुछ पोस्टर में रहने वाली पंक्तिया लिख रहे है, किर्पया आपने सुझाव अवश्य दे.

पोस्टर न. १.क्या आप जानते है राहुल गाँधी ने आज तक इटली की नागरिकता नही छोड़ी

पोस्टर न.२ क्या आप जानते है राजीव गाँधी का ढाई मिलियन डालर स्विस बैंक में जमा था (किताब के फोटो के साथ)

पोस्टर न.३ जब सारा देश काले धन की आग में जल रहा था और स्विजरलैंड से काला धन वापस लाने की मांग कर रहा था तो अचानक सोनिया गाँधी,राहुल गाँधी,राबर्ट वढेरा को अपने लाव-लश्कर सहित निजी विमान से स्विजरलैंड जाने की क्या आवश्कता आन पड़ी

पोस्टर न.४ क्या आप जानते है FBI द्वारा 2 June 2001को राहुल गाँधी को को बोस्टन एअरपोर्ट पर 1,60,000 डालर काले धन के साथ गिरफ्तार किया गया था

आपसे निवेदन है आपने सुझाव दे और इस अभियान का हिस्सा बने